न जाने कौन सी लड़ाई चल रही है किस्मत की मेरे साथ
की उसे मेरे साथ किसी का साथ रास नहीं आता
मे कितना भी साथ निभा लू किसी का पर मेरे कोई साथ नहीं आता ,
कैसे पाउ हल इस मसले का
मेरा मुकदमा लड़ने मेरा वकील भी तो नहीं आता ।
Well done is better than well said
न जाने कौन सी लड़ाई चल रही है किस्मत की मेरे साथ
की उसे मेरे साथ किसी का साथ रास नहीं आता
मे कितना भी साथ निभा लू किसी का पर मेरे कोई साथ नहीं आता ,
कैसे पाउ हल इस मसले का
मेरा मुकदमा लड़ने मेरा वकील भी तो नहीं आता ।
“Ek Ajeeb si Kashish thi uske wajud me..
Usne kabhi apnaya bhi nhi
Aur kisi ka hone bhi nhi diya….”
Menu tere naal koi narazgi ja ruswaai nhi
Tu apni jagah thik c te mein apni jagah..!!
ਮੈਨੂੰ ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਕੋਈ ਨਾਰਾਜ਼ਗੀ ਜਾਂ ਰੁਸਵਾਈ ਨਹੀਂ
ਤੂੰ ਆਪਣੀ ਜਗ੍ਹਾ ਠੀਕ ਸੀ ਤੇ ਮੈਂ ਆਪਣੀ ਜਗ੍ਹਾ..!!