Log bhi aaj kal kya khoob wafa nibhate hai niyat apni kharab Doshi kismat ko thehrate hain
लोग भी आज कल क्या खूब वफा निभाते हैं नियत अपनी खराब दोषी किस्मत को ठहराते हैं 💔
Log bhi aaj kal kya khoob wafa nibhate hai niyat apni kharab Doshi kismat ko thehrate hain
लोग भी आज कल क्या खूब वफा निभाते हैं नियत अपनी खराब दोषी किस्मत को ठहराते हैं 💔
Tum to ab aaye ho is dasht-e-mohabbat ki taraf
Maine ye khak bahut pahle udayi hai🍃
तुम तो अब आये हो इस दश्त-ए-मोहोब्बत की तरफ़
मैने ये खाक बहुत पहले उड़ाई है🍃
मुझे भी तीर की तरह बहुत कुछ चुभता हैं 🥺
बस एक तस्वीर की तरह खामोश रहती हुं😶
खामोशियां मेरी मुझसे बातें करती है
हर दर्द खामोशियों का समझती रहती हूं
खामोशी की तह में छुपा कर उलझनें
मुश्किलें अपनी ऐसे आसान कर लेती हूं
पहले उलझती थी बात- बात पर
अब ख़ामोशी से हार मान लेती हूं😊