तुम हमसे इश्क की बाते करते हो
तुम्हे कितना ही पता हैं ईश्क का
नशा जिस्म और बदसलूकी
तुम्हे इतना ही पता हैं ईश्क का
Visit moneylok.com to learn about money
तुम हमसे इश्क की बाते करते हो
तुम्हे कितना ही पता हैं ईश्क का
नशा जिस्म और बदसलूकी
तुम्हे इतना ही पता हैं ईश्क का
Fikr kiya kro meri muje khayal mein rakho tum
Mein man hoon tumhara zra smbhal ke rakho tum!!
फिक्र किया करो मेरी मुझे ख्याल मे रखो तुम
मै मन हूँ तुम्हारा जरा सम्भाल के रखो तुम!!
मुठ्ठी भर ज़मीं में अपनी भुख़ बो रहा हूं,
मिट्टी तन पर लगी थी पर कमीज़ धों रहा हूं,
रो रहा हूं के बारिश की बूंदे बहुत कम थी, पर
कहूंगा नहीं भूखे पेट ना जाने कबसे सो रहा हूं...