Kade shudaai bane tere gama ch
Kade ikalla beh muskawe..!!
Dil nu lagge marz pyar de
Dass kon samjhawe..!!
ਕਦੇ ਸ਼ੁਦਾਈ ਬਣੇ ਤੇਰੇ ਗ਼ਮਾਂ ‘ਚ
ਕਦੇ ਇਕੱਲਾ ਬਹਿ ਮੁਸਕਾਵੇ..!!
ਦਿਲ ਨੂੰ ਲੱਗੇ ਮਰਜ਼ ਪਿਆਰ ਦੇ
ਦੱਸ ਕੌਣ ਸਮਝਾਵੇ..!!
Kade shudaai bane tere gama ch
Kade ikalla beh muskawe..!!
Dil nu lagge marz pyar de
Dass kon samjhawe..!!
ਕਦੇ ਸ਼ੁਦਾਈ ਬਣੇ ਤੇਰੇ ਗ਼ਮਾਂ ‘ਚ
ਕਦੇ ਇਕੱਲਾ ਬਹਿ ਮੁਸਕਾਵੇ..!!
ਦਿਲ ਨੂੰ ਲੱਗੇ ਮਰਜ਼ ਪਿਆਰ ਦੇ
ਦੱਸ ਕੌਣ ਸਮਝਾਵੇ..!!
वो मेरे चर्चे गुफ्तगू के बहाने से सबसे करते हैं,
ये जान के भी हम इस बात से हर पल मरते हैं,
जिन अपनो को के लिए सीने में मोहब्बत थी,
उनके अब हम पास गुजरने से भी बहुत डरते हैं,
मुझे कैद करके कितना जीने दे सकोगे तुम भला,
देखो कितनी शिद्दत से हम मौत की दुआ पढ़ते हैं,
मेरी जान को गुनाहों से तौल कर क्या पा लोगे,
मेरे हर्फ़ के वजन से गुनाह अक्सर बदलते हैं ,
उर्दू का कोई शायर होता मैं लफ्ज़ संभाल लेता,
गोया अगर होते तो लफ्ज़ न गिरते, न इतना संभलते।