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Koshish || hindi shayari

Log kehte hain,
Aasmaan mein bhi surakh ho sakta hai,
Bas tabiyat se pathar uchalne ki deri hai..
Himmat na ki pathar uthane ki,
Mano na mano ye galti teri hai..
Raste bhi sazish kar rahe hain,
Waqt ke sath milkar…
Tu phir bhi waqt ke sath na chale,
To ab bhi galti teri hai..

लोग कहते हैं,
आसमान में भी सुराख़ हो सकता है,
बस तबियत से पत्थर उछालने की देरी है…
हिम्मत ना की पत्थर उठाने की,
मानो ना मानो ये गलती तेरी है…
रास्ते भी शाज़िश कर रहे है,
वक्त के साथ मिलकर…
तू फिर भी वक्त के साथ ना चले,
तो अब भी गलती तेरी है….

Title: Koshish || hindi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Camel ki gardan || akbar birbal kahani

अकबर बीरबल की हाज़िर जवाबी के बडे कायल थे। एक दिन दरबार में खुश होकर उन्होंने बीरबल को कुछ पुरस्कार देने की घोषणा की। लेकिन बहुत दिन गुजरने के बाद भी बीरबल को पुरस्कार की प्राप्त नहीं हुई। बीरबल बडी ही उलझन में थे कि महाराज को याद दिलायें तो कैसे?

एक दिन महारजा अकबर यमुना नदी के किनारे शाम की सैर पर निकले। बीरबल उनके साथ था। अकबर ने वहाँ एक ऊँट को घुमते देखा। अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल बताओ, ऊँट की गर्दन मुडी क्यों होती है”?

बीरबल ने सोचा महाराज को उनका वादा याद दिलाने का यह सही समय है। उन्होंने जवाब दिया – “महाराज यह ऊँट किसी से वादा करके भूल गया है, जिसके कारण ऊँट की गर्दन मुड गयी है। महाराज, कहते हैं कि जो भी अपना वादा भूल जाता है तो भगवान उनकी गर्दन ऊँट की तरह मोड देता है। यह एक तरह की सजा है।”

तभी अकबर को ध्यान आता है कि वो भी तो बीरबल से किया अपना एक वादा भूल गये हैं। उन्होंने बीरबल से जल्दी से महल में चलने के लिये कहा। और महल में पहुँचते ही सबसे पहले बीरबल को पुरस्कार की धनराशी उसे सौंप दी, और बोले मेरी गर्दन तो ऊँट की तरह नहीं मुडेगी बीरबल। और यह कहकर अकबर अपनी हँसी नहीं रोक पाए।

और इस तरह बीरबल ने अपनी चतुराई से बिना माँगे अपना पुरस्कार राजा से प्राप्त किया।

Title: Camel ki gardan || akbar birbal kahani


Hind 3 line shayari|| love

Jb bhi phone ki ghanti bajti hai

Or naam tumhara aata hai

Hath ka toh pata nhi

Lekin ye dil tumhara phone uthane poch jaata hai😭❤️

Title: Hind 3 line shayari|| love