kuchh khaas nahin in haathon kee lakeeron mein,
magar tum ho to ek lakeer hee kaaphee hai…
कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में,
मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…
kuchh khaas nahin in haathon kee lakeeron mein,
magar tum ho to ek lakeer hee kaaphee hai…
कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में,
मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…
Tu sohni ban ke tarna nai te sassi ban ke sarna nai
main majnu ban ke jeena nai te mirze wangu marna nai..
akhir nu keh ke tur oh gai chalo jo likhiya takdeer diya…
metho jogi banya nai jaana tu na kar reesa heer diya…?”
मांगने से पहले खुद को पूछो, क्या तुम रख पाओ गे।
चलने से पहले खुद को पूछो, कितना दूर जा पाओ गे।
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मन जिनके नियंत्रण में है, वो राजा से भी अमीर होते ।
जो अपने मन को नियंत्रण नहीं कर पाते, वो भिखारी से भी गरीब होते ।
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जो तुम्हे आता है, वो सीखो सही।
दूसरे को दूसरा कुछ आयेगा, लेकिन तुम रहना तुममे ही।
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बारिश निकलती है आँसू की तरह।
आसमान हल्का होता है, अंतरात्मा भी, महसूस करो जरा।
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दिमाग जिनके हाथ में है, उनके कोई हथियार नहीं चाहिए।
क्यूंकि वो सही समय पर दिमाग लगा पाते, उलटी सीधी बिना बताये।
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किसके अंदर क्या है, वो भगवान को भी नहीं पाता।
समय पर निकलता है वो, महाकाल बैठ के सुनता।
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मैं अपने स्थान पर सही।
कौन मुझसे आगे है और कौन पीछे, मुझे पाता नहीं।
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कौन कहां पर रहता है, मुझे कैसे पाता।
मैं तो अपने में खुश, आज़ादी इसे कहता।