zara hauli chal tu e zindagi
kujh karjh chukaune baki ne
kujh dard mitaune baki ne
ਜ਼ਰਾ ਹੌਲੀ ਚੱਲ ਤੂੰ ਏ ਜ਼ਿੰਦਗੀ
ਕੁਝ ਕਰਜ਼ ਚੁਕਾਉਣੇ ਬਾਕੀ ਨੇ
ਕੁਝ ਦਰਦ ਮਿਟਾਉਣੇ ਬਾਕੀ ਨੇ
zara hauli chal tu e zindagi
kujh karjh chukaune baki ne
kujh dard mitaune baki ne
ਜ਼ਰਾ ਹੌਲੀ ਚੱਲ ਤੂੰ ਏ ਜ਼ਿੰਦਗੀ
ਕੁਝ ਕਰਜ਼ ਚੁਕਾਉਣੇ ਬਾਕੀ ਨੇ
ਕੁਝ ਦਰਦ ਮਿਟਾਉਣੇ ਬਾਕੀ ਨੇ
एक आशा
एक आशा की चाह है मुझे आजकल
एक आशा की चाह है मुझे आजकल
क्यों अब तरस रही हैं आंखें मेरी आजकल!!
गया वो ज़माना जब खुद पर हम इतराते थे होकर बे फ़िक्र
गया वो ज़माना जब खुद पर हम इतराते थे होकर बे फ़िक्र
नज़र मैं आते थे हम सबकी जैसे हो एक खिली दोपहर!!
अचानक ये क्या हुआ क्यों लग गयी हमें किसी की नज़र
ग़र्दिशों का अब तो एक मेला हैं जिसमे मुझे चलना अकेला हैं!!
खामोशियाँ अब इतनी बढ़ रही हैं आजकल
कुछ नया पाने की चाह हो रही है मुझे आजकल
वो हंसना हम बूल क्यों गए आजकल
एक ठहराव सा आ गया है ज़िन्दगी मैं आजकल
बस एक आशा की चाह हे मुझे आजकल!!
Sunee@zindagiterenaam.com
nahin chaahie kuchh bhee teree ishq ki dookaan se,
har cheej mein milaavat hai bewafai ki……
नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि……