कुछ पुरानी तस्वीर देखी तो लगा
मासूमियत बस यहीं बाकी है,
अनुभव से कहता हूं,
आज के चेहरों में सिर्फ अदाकारी बाकी है...
कुछ पुरानी तस्वीर देखी तो लगा
मासूमियत बस यहीं बाकी है,
अनुभव से कहता हूं,
आज के चेहरों में सिर्फ अदाकारी बाकी है...
कभी थकन के असर का पता नहीं चलता
वो साथ हो तो सफ़र का पता नहीं चलता
वही हुआ कि मैं आँखों में उसकी डूब गया
वो कह रहा था भँवर का पता नहीं चलता
उलझ के रह गया सैलाब कुर्रए-दिल से
नहीं तो दीदा-ए-तर का पता नहीं चलता
उसे भी खिड़कियाँ खोले ज़माना बीत गया
मुझे भी शामो-सहर का पता नहीं चलता
ये मंसबो का इलाक़ा है इसलिए शायद
किसी के नाम से घर का पता नहीं चलता
“Before you speak, listen. Before you write, think. Before you spend, earn. Before you invest, investigate. Before you criticize, wait. Before you pray, forgive. Before you quit, try. Before you retire, save. Before you die, give.”