Labh reha haa sawaal ik || punjabi was last modified: April 22nd, 2023 by Manpreet Singh
Enjoy Every Movement of life!

पाव उठाऊ तो हर कदम पे एक दरिया जकड़ लेता है
गिराकर मुझे हरबार हवाओं से मिलकर अकड़ लेता है,
छोड़ दूं मुठ्ठी भर सपने मैं बुजदिल नही,
मान जाए तन मेरा पर मेरा दिल नहीं,
हर मोड़ पर मुझे ऐसे ही सताएंगे,
गिराकर मुझे खुद मुस्कुराएंगे,
तुम्हारे लिए मैं पहला नहीं हूं,
सुनो,
बहुत हिम्मत है मुझमें मैं अकेला नहीं हूं...
