लगता हैं तुम कहीं खो गई हो
लगता हैं तुम कहीं खो गई हो,
अब तुम्हारे रेशमी बालों को उड़ने की चाह नहीं
अब तुम्हारे माथे पर किसी की फिक्र नहीं
लगता हैं तुम कहीं खो गई हो
अब तुम्हारे चेहरे पर वो ताज़गी नही
अब तुम्हारे आंखों में वो चैन नही
लगता हैं तुम कहीं खो गई हो
अब तुम्हार सांस में वो बात नही
अब तुम्हार शब्द वो आवाज़ नही
अब तुम्हारे इश्क में वो राग नही
अब तुम्हारे बाहों में वो आराम नही
लगता हैं तुम कहीं खो गई हो
अब तुम्हारे दिल में वो प्यार नहीं
अब तुम्हारे हाथ में वो साथ नही
अब तुम्हारी चूरी में वो खनक नही
अब तुम्हारी पायल में वो झनक नही
अब तुम्हारी जिंदगी में वो जान नही
लगता हैं तुम कहीं खो गई हो
लगता हैं तुम कहीं खो गई हो।