Shayari | Latest Shayari on Hindi, Punjabi and English
यादें || yaadein || hindi shayari || true love
जब तेरा अस्तित्व था …..मैं तेरे चेहरे को दरकिनार करता रहा ……
वक़्त ने तेरे अस्तित्व को यादों में क्या बदला की मैं उन यादों में तेरा ही चेहरा ढूँढता रहा ।।
यादें धुंधला ना जाये मैं चेहरे को तस्वीरों में ढूँढता रहा …….
मिला जो तेरा चेहरा तस्वीरों में ……. मैं उनके अस्तित्व की यादों में फिरता ही रहा ||
सहज लेता हूँ तेरी तस्वीरों को , यादों के संदूक को, अपने आँसू को ……
पर गुज़रते वक़्त में वहीं लम्हे वापस आते है बस फ़र्क़ इतना है कि अब तेरे चेहरे की यादें है पर तेरा अस्तित्व नहीं…….
Bachpan Beet Gaya – Hindi Kavita on Life || zindagi Bachpan poetry
बचपन ब़ीत गया लडकपन मे,
ज़वानी बीत रहीं घर बनानें मे,
ज़ंगल सी हो गयी हैं जिन्दगी,
हर कोईं दौड रहा आन्धी के गुबार मे।
हर रोज़ नईं भोर होती,
पर नही ब़दलता जिन्दगी का ताना ब़ाना,
सब कर रहें है अपनीं मनमानी,
लेक़िन जी नही रहें अपनी जिन्दगानी।
कोईं पास बुलाये तो डर लग़ता हैं,
कैंसी हो गईं हैं यह दुनियां बेईंमानी,
सफ़र चल रहा हैं जिन्दा हू कि पता नही,
रोज लड रहा हू चन्द सासे ज़ीने के लिये।
मिल नही रहा हैं कोई ठिकाना,
जहा दो पल सर टिक़ाऊ,
ऐसें सो जाऊ की सपनो में ख़ो जाऊ,
बचपन की गलियो में खो जाऊ।
वो बेंर मीठें तोड लाऊ,
सूख़ गया जो तालाब उसमे फ़िर से तैंर आऊ,
मां की लोरीं फिर से सुन आऊ,
भूल जाऊ जिन्दगी का यें ताना बाना।
देर सवेंर फ़िर से भोर हो गईं,
रातो की नीद फ़िर से उड गईं,
देख़ा था जो सपना वो छम सें चूर हो ग़या,
जिन्दगी का सफ़र फिर से शुरू हों गया।
आंखो का पानी सूख़ गया,
चेहरें का नूर कही उड सा गया,
अब जिन्दगी से एक़ ही तमन्ना,
सो जाऊ फ़िर से उन सपनो की दुनियां मे।
Best Short Poem on Life in Hindi || hindi poetry on zindagi
दो पल क़ी जिन्दगी हैं,
आज़ बचपन, क़ल ज़वानी,
परसो बुढापा, फ़िर खत्म कहानी हैं।
चलों हस क़र जिये, चलो ख़ुलकर जिये,
फ़िर ना आनें वाली यह रात सुहानीं,
फ़िर ना आनें वाला यह दिन सुहानां।
क़ल जो बींत गया सों बींत गया,
क्यो क़रते हो आनें वाले कल की चिन्ता,
आज़ और अभी जिओं, दूसरा पल हों ना हों।
आओं जिन्दगी को गातें चले,
कुछ बाते मन क़ी करतें चले,
रूठों को मनातें चले।
आओं जीवन की क़हानी प्यार से लिख़ते चले,
क़ुछ बोल मीठें बोलतें चले,
कुछ रिश्तें नये बनातें चले।
क्या लाये थें क्या ले जाएगे,
आओं कुछ लुटातें चले,
आओं सब के साथ चलतें चले,
जिन्दगी का सफ़र यू ही काटतें चले।