अब बस लिख के मिटा हम देते हैं, अपने ही शब्दों के जाल को..
क्यूंकि अब डायरी भी समझ नहीं पाती है, मेरे मन में चलते ख्याल को..
अब पन्ने भी मेरी कलम की स्याही से, बस दूर सा होना चाहते हैं..
अब बताएं भी तो आखिर किसे बताएं, अपने इस बिगडते हाल को..
Enjoy Every Movement of life!
अब बस लिख के मिटा हम देते हैं, अपने ही शब्दों के जाल को..
क्यूंकि अब डायरी भी समझ नहीं पाती है, मेरे मन में चलते ख्याल को..
अब पन्ने भी मेरी कलम की स्याही से, बस दूर सा होना चाहते हैं..
अब बताएं भी तो आखिर किसे बताएं, अपने इस बिगडते हाल को..

Rabba kujh aisa kar ke
ohnu dard hon te mainu mehsoos na howe
ਰੱਬਾ ਕੁਝ ਐਸਾ ਕਰ ਕਿ
ਉਹਨੂੰ ਦਰਦ ਹੋਣ ਤੇ
ਮੈਨੂੰ ਮਹਿਸੂਸ ਨਾ ਹੋਵੇ