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Love poetry || Hindi Poems on mohobbat

देखा तो तुझे जब पहली बार मैंने,
अपनी आंखों पर न किया था एतबार मैंने,
क्या होता है कोई इतना भी खूबसूरत,
यही पूछा था खुदा से बार-बार मैंने।
तेरे नीले नीले नैनो ने किया था काला जादू मुझ पर,
यूं ही तो नहीं खो दिया था करार मैंने।

कायदा इश्क जब से पड़ा है,
इल्म बस इतना बचा है मुझ में,
फकत नाम तेरा मैं लिख लेता हूं, पढ़ लेता हूं।

आग बरसे चारों तरफ इस जमाने के लिए,
मेरी आंखों की नमी में हो पनाह किसी को छिपाने के लिए।
वो है खुदगर्ज बड़ी मैं जानता हूं,
लौट आएगी फिर से खुद को बचाने के लिए।

मिजाज हो गए तल्ख जब मतलब निकल गया,
ना हुई दुआ कबूल तो मजहब बदल गया।
वो जो कहते थे कि मेरी चाहत कि खुदा तुम हो,
कभी बदली उनकी चाहत कभी खुदा बदल गया।

चल मान लिया कोई तुझसे प्यारी नहीं होगी,
पर शर्त लगा लो तुम से भी वफादारी नहीं होगी।
तेरी बेवफाई ने मेरा इलाज कर दिया है,
पक्का अब हमें फिर से इश्क की बीमारी नहीं होगी।

प्यार जब भी हुआ तुमसे ही हुआ,
कोशिश बहुत की मैंने किसी और को चाहने की।
एक तो तेरा इश्क था ही और एक मैंने आ पकड़ा,
अब कोई कोशिश भी ना करना मुझ को बचाने की।

यह जो आज हम उजड़े उजड़े फिरते हैं,
हसरतें बहुत थी हमें भी दुनिया बसाने की।
मुझे आज भी तुमसे कोई गिला नहीं है,
दस्तूर ही कहां बचा है मोहब्बत निभाने का।

इस शहर में मुर्दों की तादाद बहुत है,
कौन कहता है कि ये आबाद बहुत है,
जुल्मों के खिलाफ यहां कोई नहीं बोलता,
बाद में करते सभी बात बहुत हैं।

मेरे छोटे से इस दिल में जज्बात बहुत हैं,
नींद नहीं है आंखों में ख्वाबों की बरसात बहुत है।
राह नहीं, मंजिल नहीं, पैर नहीं कुछ भी नहीं,
मुझे चलने के लिए तेरा साथ बहुत है।

दूर होकर भी तू मेरे पास बहुत है,
सगा तो नहीं मेरी पर तू खास बहुत है।
जिनकी टूट चुकी उनको छोड़ो बस,
हमें तो आज भी उनसे आस बहुत है।

Title: Love poetry || Hindi Poems on mohobbat

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Mana ki Andhere se roshani bhut khoobsurat

Mana ki Andhere se roshani bhut khoobsurat hai aashayein usko dijiyega jise uski jarurat hai han sach hai aadmi apne dukho ko roshni ki aag me jalaa lete hai jisne manzil ki taraf chlana ho vo bina roshani bhi apne raah bna hi leta hai nhi mohtaaz roshani ki andhere ka dar seh jaye lekin andhere ka bhi waqt aata hai kyoki ye nhi ki roshani hamaare paas hamesha ke liye reh jaye

 माना कि अंधेरे से रोशनी बहुत खूबसूरत है आशाएं उसे दीजिएगा जिसको उसकी ज़रूरत है हां सच है आदमी अपने दुखों को रोशनी की आग में जला लेता है जिसने मंज़िल की तरफ चलना हो वो बिना रोशनी भी अपने राह बना ही लेता है नही मोहताज़ रोशनी कि अंधेरे का डर सह जाए लेकिन अंधेरे का भी वक़्त आता है क्योंकि ये नही कि रोशनी हमारे पास हमेशा के लिए रह जाए

Title: Mana ki Andhere se roshani bhut khoobsurat


हाल ए दिल byaa nahi hota

क्यू ये हालें दिल ब्या नहीं होता ,

होता भी है अगर तो ,

जहां होना होता है वहां नहीं होता,

Title: हाल ए दिल byaa nahi hota