
Sanu sadi changeyai bahli mehngi pai gyi..!!
Enjoy Every Movement of life!

“फिर आज युंहिं मौसम बदला, चहकती
देखो हर एक डाल है..
मद्धम सी बरसात हुई, छिल गई कई पेड़ों की छाल है..
हर पत्ते हर डाली ने पूछा, क्या दर्द हुआ? क्या तेरा हाल है..
कहा हुआ हूं, नया मैं फिर से, क्या जानो तुम कुदरत कमाल है..
मुझको ताकत दी है इतनी, शक्ति मेरी बेमिसाल है..
हर जीव में सांसें भरता हूं, सब करते मेरा इस्तेमाल है..
काटेंगे मुझे तो भुगतेंगे, कुदरत का कहर सबसे विशाल है..
बे-मौसम जो मौसम बदल रहे हैं, जवाब पता है, फिर भी सवाल है..”
ਤੇਰੇ ਲਈ ਲਿਖੀ ਹੈ ਇੱਕ ਸ਼ਾਇਰੀ
ਮੈਨੂੰ ਮਿਲ਼ੀ ਕਦੇ ਤੈਨੂੰ ਫੇਰ ਸੁਣਾਵਾਂਗਾ
ਤੈਨੂੰ ਲਗਦਾ ਨਹੀਂ ਪਰ ਮੇਰੀ ਰੂਹ ਤੇ ਲਿਖਿਆ ਏਂ ਨਾ ਤੇਰਾਂ
ਇੱਕ ਦਿਨ ਦੇਖੀਂ ਜ਼ਰੂਰ ਤੂੰ ਤੇਰੇ ਬਿਨਾਂ ਮੈਂ ਮਰ ਜਾਵਾਂਗਾ