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Maa || ਮਾਂ || Punjabi Poetry

Maa
Shabdaan vich kade byaan hundi ni sift maa di
thandi mithrri jannat jehi is gurri chhaa di
bacheyian de janam di peedha has ke jar jandi hai
vekh aayea bache nu paseena tadaf jandi hai
din raat sukhaan sukhdi te laadh ladaundi hai
shayed ese lai maa rabb da roop kahaundi hai

ਮਾਂ
ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ ਕਦੇ ਬਿਆਂ ਹੁੰਦੀ ਨੀਂ ਸਿਫਤ ਮਾਂ ਦੀ,
ਠੰਢੀ ਮਿੱਠੜੀ ਜੰਨਤ ਜਿਹੀ ਇਸ ਗੂੜ੍ਹੀ ਛਾਂ ਦੀ।
ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਜਨਮ ਦੀ ਪੀੜਾ ਹੱਸ ਕੇ ਜਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ,
ਵੇਖ ਆਇਆ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਪਸੀਨਾ ਤੜਫ਼ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।
ਦਿਨ ਰਾਤ ਸੁੱਖਾਂ ਸੁਖਦੀ ਤੇ ਲਾਡ ਲਡਾਉਂਦੀ ਹੈ,
ਸ਼ਾਇਦ ਏਸੇ ਲਈ ਮਾਂ ਰੱਬ ਦਾ ਰੂਪ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ।

Title: Maa || ਮਾਂ || Punjabi Poetry

Tags:

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Dil toh mujhpar || hindi shayari

कई हसीनाओं का दिल तो मुझपर, सिर्फ इसलिए भी आ जाता है..
क्यूंकि दिल में मेरे कुछ और होता है, जुबान पर कुछ और आता है..
कभी जो मेरी आंखें मेरे दिल की, बातें बयां गर करती हैं..
फिर चेहरा मेरा कुछ बोले बिना, हल्का सा सिर्फ मुस्कुराता है..
हल्का सा सिर्फ मुस्कुराता है..

Title: Dil toh mujhpar || hindi shayari


अब तो आन पड़ी है || akbar story

अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-

“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”

सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।

बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,

“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”

उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”

सेठों के मुखिया ने कहा-

“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”

बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।

Title: अब तो आन पड़ी है || akbar story