Upar jiska ant na ho use aasmaa kehte hai
aur dharti par jiska ant na ho use maa kehte hai
उपर जिसका अंत ना हो उसे आसमां कहते हैं,
और धरती पर जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।
-विक्रम
Upar jiska ant na ho use aasmaa kehte hai
aur dharti par jiska ant na ho use maa kehte hai
उपर जिसका अंत ना हो उसे आसमां कहते हैं,
और धरती पर जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।
-विक्रम
आदमी कैसे है, चेहरा देख के पता लगता।
बातें सुन के लगता है मैं सही तालाब का पानी पीता।
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बातें करके, बातें सुन के, समय बर्बाद मत करो।
काम पे लगे रहो, ज़िंदगी में कुछ करो।
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रोटी आग में फूल जाते है।
ज़िंदगी रोटी की तरह- प्रेरणा उसमें प्राण भरते है।
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सुविधा अगर एक बार मिल गए, तो ज़िंदगी भर उसे पाने के लिए दौड़ेगा इंसान।
वह एक ऐसा चीज है, जो मेहनती को बनाता है अकर्मण्य और ईमानदार को बेईमान।
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सुविधा मृत्यु से भी भयानक।
एक बार मिल जाये, तो समझलो आपके प्रतिभा को खा जायेगा कोई घातक।
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आग बुझ जाती है, लेकिन प्यार कभी नहीं।
वायरस भी प्यार की तरह, डेल्टा या ओमिक्रोण, मौजूद सही।
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हमेशा मुख बंद रखो, युद्ध नहीं होगा।
यह सच्चाई फिर से कोविड ने सिखाया।
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Ohne hnjhu hi dene ne ohde larh laggeyan nu
Mohobbat apni da khaure dastooor bnaya e..!!
Galti usdi howe ja meri saza menu hi milegi
Ishq apne da ohne esa asool bnaya e..!!
ਉਹਨੇ ਹੰਝੂ ਹੀ ਦੇਣੇ ਨੇ ਲੜ ਲੱਗਿਆਂ ਨੂੰ
ਮੋਹੁੱਬਤ ਆਪਣੀ ਦਾ ਖੌਰੇ ਦਸਤੂਰ ਬਣਾਇਆ ਏ..!!
ਗ਼ਲਤੀ ਉਸਦੀ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਮੇਰੀ ਸਜ਼ਾ ਮੈਨੂੰ ਹੀ ਮਿਲੇਗੀ
ਇਸ਼ਕ ਆਪਣੇ ਦਾ ਉਹਨੇ ਐਸਾ ਅਸੂਲ ਬਣਾਇਆ ਏ..!!