mohobat da likhiyaa hoeyaa dastoor kujh edaa da
sajjna ton bichhdhane de baad hanjuaa ton begair kujh kol rehnda nahi
ਮਹੋਬਤ ਦਾ ਲਿਖਿਆ ਹੋਇਆ ਦਸਤੂਰ ਕੁਝ ਇਦਾਂ ਦਾ
ਸਜਣਾ ਤੋਂ ਬਿਛੜਨੇ ਦੇ ਬਾਦ ਹੰਜੂਆ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਕੁੱਝ ਕੋਲ਼ ਰਹਿੰਦਾ ਨਹੀਂ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
mohobat da likhiyaa hoeyaa dastoor kujh edaa da
sajjna ton bichhdhane de baad hanjuaa ton begair kujh kol rehnda nahi
ਮਹੋਬਤ ਦਾ ਲਿਖਿਆ ਹੋਇਆ ਦਸਤੂਰ ਕੁਝ ਇਦਾਂ ਦਾ
ਸਜਣਾ ਤੋਂ ਬਿਛੜਨੇ ਦੇ ਬਾਦ ਹੰਜੂਆ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਕੁੱਝ ਕੋਲ਼ ਰਹਿੰਦਾ ਨਹੀਂ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
रूप था उसका बहुत विशाल, राक्षस था वो बहुत भारी..
नाम था दशानन उसका, बुद्धि न जिसकी किसी से हारी..
हर कोई डरता था उससे, हो देव, दैत्य, चाहे नर-नारी..
प्रकोप था जिसका लोकों में, धरती कांपती थी सारी..
देखके ताकत को उसकी, भागे खड़े पैर बड़े बाल-धारी..
विशाल साम्राज्य पर उसके, भारी पड़ गई बस एक नारी..
घमंड को उसके चूर कर दिया, कहा समझ ना तू निर्बल नारी..
विधवंश का तेरे समय आ गया, ले आ गयी देख तेरी बारी..
लंका में बचेगा ना जीव कोई, मति जो गई तेरी मारी..
आराध्य से मेरे दूर कर दिया, भुगतेगी तेरी पीढी सारी..
रघुनंदन आए कर सागर पार, आए संग वानर गदा धारी..
एक-एक कर सबको मोक्ष दिया, सियाराम चरण लागी दुनिया सारी..
Koi raah labh jada, manzil paun lai
tan gal ajh hor hundi
tere pyar mil janda, saath nibhaun lai
tan gal ajh hor hundi