Maji ek savay ahe mi konala dokyat thevat nahi, manat thevto n jyana manat thevto tyana jivapaad japto n jyana dokyat thevto, tyana aaplya aaju bajula pan bhatku det nahi…….
“APNA ANDAZ APNA STYLE”
Maji ek savay ahe mi konala dokyat thevat nahi, manat thevto n jyana manat thevto tyana jivapaad japto n jyana dokyat thevto, tyana aaplya aaju bajula pan bhatku det nahi…….
“APNA ANDAZ APNA STYLE”
jithe mat ni mildi othe bahute raaz nahi daside
sap de dasn baad hi jehar de rang da pata lagda e
kise de kehn naal ni usdaad ban jaida, andar hankaar nu khatam karna painda hai
aaklan koi v bina jaankari de nahio karida, khatri andar gehri shaanti da parkop hunda ae
ਜਿੱਥੇ ਮੱਤ ਨੀ ਮਿਲਦੀ ਉਥੇ ਬਹੁਤੇ ਰਾਜ਼ ਨਹੀਂ ਦੱਸੀਦੇ,
ਸੱਪ ਦੇ ਡੱਸਣ ਬਾਅਦ ਹੀ ਜ਼ਹਿਰ ਦੇ ਰੰਗ ਦਾ ਪੱਤਾ ਲੱਗਦਾ ਏ।
ਕਿੱਸੇ ਦੇ ਕਹਿਣ ਨਾਲ਼ ਨੀ ਉਸਤਾਦ ਬਣ ਜਾਈਦਾ, ਅੰਦਰ ਹੰਕਾਰ ਨੂੰ ਖੱਤਮ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ,
ਆਕਲਣ ਕੋਈ ਵੀ ਬਿਨਾਂ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇ ਨਹੀਓ ਕਰੀਦਾ ਖੱਤਰੀ ਅੰਦਰ ਗਹਿਰੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਪ੍ਰਕੋਪ ਹੁੰਦਾ ਏ
💯❤️ ਖੱਤਰੀ
सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं
दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में
लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं
मेहरबानी को मोहब्बत नहीं कहते ऐ दोस्त
आह अब मुझ से तिरी रंजिश-ए-बेजा भी नहीं
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
आज ग़फ़लत भी उन आँखों में है पहले से सिवा
आज ही ख़ातिर-ए-बीमार शकेबा भी नहीं
बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम
कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुसअ’त-ए-सहरा भी नहीं
अरे सय्याद हमीं गुल हैं हमीं बुलबुल हैं
तू ने कुछ आह सुना भी नहीं देखा भी नहीं
आह ये मजमा-ए-अहबाब ये बज़्म-ए-ख़ामोश
आज महफ़िल में ‘फ़िराक़’-ए-सुख़न-आरा भी नहीं
ये भी सच है कि मोहब्बत पे नहीं मैं मजबूर
ये भी सच है कि तिरा हुस्न कुछ ऐसा भी नहीं
यूँ तो हंगामे उठाते नहीं दीवाना-ए-इश्क़
मगर ऐ दोस्त कुछ ऐसों का ठिकाना भी नहीं
फ़ितरत-ए-हुस्न तो मा’लूम है तुझ को हमदम
चारा ही क्या है ब-जुज़ सब्र सो होता भी नहीं
मुँह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते कि ‘फ़िराक़’
है तिरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं