मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह,
उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा….
mat poochh sheeshe se usake tootane kee vajah,
usane bhee meree tarah kisee patthar ko apana samaja hoga….
मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह,
उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा….
mat poochh sheeshe se usake tootane kee vajah,
usane bhee meree tarah kisee patthar ko apana samaja hoga….
है वो मेरी मोहब्बत की रूह, इसलिए पास मेरे वो रहती है..
मुझे पागल समझेगी ये दुनिया, तभी वो कुछ ना कहती है..
सुबह उठे साथ में वो मेरे, शाम आंखों के साथ वो ढलती है..
वो जी ना सकी जो साथ मेरे, तो मरके साथ में चलती है..
राहें तो बदल गयीं उसकी मगर, राहौं से मुडी वो रहती है..
मेरी रूह से जुडना है हक उसका, तभी साथ जुडी वो रहती है..
हर खुशी बांटती है मेरी, हर गम मेरे संग सहती है..
मुझे वो लगती है अपनी, और मुझे वो अपना कहती है….