मैं बात कर के बात, बढ़ा रहा हूं
फोन से कुछ तस्वीरें,हटा रहा हूं
तेरा नाम याद रख सकूं,इसलिए
तेरे नाम के पासवर्ड लगा रहा हूं
मेरे बाद,है तेरा कोई एक रफ़िक
तुझसे पूछ नहीं रहा,बता रहा हूं
मेरी बात पर, यकीन नहीं है इसे
सोए एक शख्स को,जगा रहा हूं
मैं बात कर के बात, बढ़ा रहा हूं
फोन से कुछ तस्वीरें,हटा रहा हूं
तेरा नाम याद रख सकूं,इसलिए
तेरे नाम के पासवर्ड लगा रहा हूं
मेरे बाद,है तेरा कोई एक रफ़िक
तुझसे पूछ नहीं रहा,बता रहा हूं
मेरी बात पर, यकीन नहीं है इसे
सोए एक शख्स को,जगा रहा हूं
अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है
दिया है हुस्न मौला ने दिखाना भी ज़रूरी है
इशारा तो करो कभी मुझको अपनी निगाहों से
अगर है इश्क़ मुझसे तो जताना भी ज़रूरी है
अगर कर ले सभी ये काम झगड़ा हो नहीं सकता
ख़ता कोई नजर आए छुपाना भी ज़रूरी है
अगर टूटे कभी रिश्ता तुम्हारी हरकतों से जब
पड़े क़दमों में जाकर फिर मनाना भी ज़रूरी है
कभी मज़लूम आ जाए तुम्हारे सामने तो फिर
उसे अब पेट भर कर के खिलाना भी ज़रूरी है
अगर रोता नजर आए कभी मस्जिद या मंदिर में
बड़े ही प्यार से उसको हँसाना भी ज़रूरी है
~ मुहम्मद आसिफ अली