धड़कनों की सिफारिश पर हम चाय पर गए
वरना वो गुलाबी शाम हमसे कजा न होता
अब सामने ही बैठा है महबूब तो क्या बात करे हम
निगाहे बात कर लेता तो वो खफा न होता
Enjoy Every Movement of life!
धड़कनों की सिफारिश पर हम चाय पर गए
वरना वो गुलाबी शाम हमसे कजा न होता
अब सामने ही बैठा है महबूब तो क्या बात करे हम
निगाहे बात कर लेता तो वो खफा न होता

choom kar kafan mein lipaten mere chehare ko.. usane tadap ke kaha,
naye kapade kya pahan lie… hamen dekhate bhi nahin..
चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को.. उसने तड़प के कहा,
नए कपड़े क्या पहन लिए… हमें देखते भी नहीं..