मेरे दर्द का हिसाब क्या करोगे
बड़े ना समझ हो हिसाब क्या करोगे,
मिलगे आपको बहुत ,
हम जैसा चाहने वाला कहां तालाश करोंगे।
मेरे दर्द का हिसाब क्या करोगे
बड़े ना समझ हो हिसाब क्या करोगे,
मिलगे आपको बहुत ,
हम जैसा चाहने वाला कहां तालाश करोंगे।
घर मेरा एक बरगद है…..
मेरे पापा जिसकी जड़ है…!!
घनी छायो है मेरी माँ..
यही है मेरे आसमान…!!
पापा का है प्यार अनोखा..
जैसे शीतल हवा का झोका …!!
माँ की ममता सबसे प्यारी …
सबसे सुंदर सबसे नयारी….!!
हाथ पकड़ चलना सिखलाते
पापा हमको खूब घूमते ….!!
माँ मलहम बनकर लग जाती …
जब भी हमको चोट सताती..!!
माँ पापा बिन दुनिया सुनी
जैसे तपती आग की धुनी..!!
माँ ममता की धारा है …
पिता जीने का सहारा है…!!