मेरे दर्द का हिसाब क्या करोगे
बड़े ना समझ हो हिसाब क्या करोगे,
मिलगे आपको बहुत ,
हम जैसा चाहने वाला कहां तालाश करोंगे।
मेरे दर्द का हिसाब क्या करोगे
बड़े ना समझ हो हिसाब क्या करोगे,
मिलगे आपको बहुत ,
हम जैसा चाहने वाला कहां तालाश करोंगे।
Aaj Hamari Baaton Ka Jawab Nahi Dete Na Do,
Aaoge Jab Hamari Kabar Par Hum Bhi Aisa Hi Karenge!
खमियाज़ा ए ज़िन्दगी हर पल मिलता है,
कोई कुछ वक्त तो कोई ज़िन्दगी भर साथ चलता है...
मैं अपनी राहों पर अब अकेले निकाल आया हूं,
जो वक्त सबका था कुछ अपने लिए लाया हूं...
शीशे की कब्र में दफ्न जैसे कोई राज़ हूं,
बरसों से अनसुना जैसे कोई साज़ हूं...
ज़िन्दगी का हाथ थाम कर अब चलने की गुज़ारिश है,
सपनों से तर आगे समंदर और बारिश है...
इक दिन समंदर और बारिश भी पार कर जाऊंगा,
सबकी नज़रें होगी मुझपे और मैं ज़िन्दगी गुलज़ार कर जाऊंगा....