Khiza ka daur ho ya ho bahar ka mausam
Mere liye nhi koi karar ka mausam
खिजा का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
Khiza ka daur ho ya ho bahar ka mausam
Mere liye nhi koi karar ka mausam
खिजा का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
दे सलामी इस तिरंगे को,
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक दिल में जान हैं।❣️