Meriyaan akhaan ne chuneya e tainu
eh duniya vekh k
kisda chehra hun vekha me, tera chehra vekh k
ਮੇਰੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਨੇ ਚੁਣਿਆ ਏ ਤੈਨੂੰ
ਇਹ ਦੁਨੀਆ ਵੇਖ ਕੇ
ਕਿਸਦਾ ਚਿਹਰਾ ਹੁਣ ਵੇਖਾਂ ਮੈਂ, ਤੇਰਾ ਚਿਹਰਾ ਵੇਖ ਕੇ
Meriyaan akhaan ne chuneya e tainu
eh duniya vekh k
kisda chehra hun vekha me, tera chehra vekh k
ਮੇਰੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਨੇ ਚੁਣਿਆ ਏ ਤੈਨੂੰ
ਇਹ ਦੁਨੀਆ ਵੇਖ ਕੇ
ਕਿਸਦਾ ਚਿਹਰਾ ਹੁਣ ਵੇਖਾਂ ਮੈਂ, ਤੇਰਾ ਚਿਹਰਾ ਵੇਖ ਕੇ
Kabhi na sochna akele ho tum,
Akele hona Nahi hai koi jurm!
कभी न सोचना अकेले हो तुम,
अकेले होना नही है कोई जुर्म!
गर्मियों से मुग्ध थी धरती
पर बारिश की बून्दें पड़ते ही
तुम बुदबुदाईं —
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !क्या तुम्हारा मन
मिट्टी से भी ज़्यादा ठण्ड को महसूस करता है
तभी तो बारिश में विलीन हो गए
छलकते हुए आनन्द को स्वीकार न कर
तुमने आहिस्ता से कहा —
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !तुम्हारे आँगन में
बून्द-बून्द में
अपने अनगिनत चान्दी के तारों में
सँगीत की सृष्टि कर
बारिश
जिप्सी लड़की की तरह नाचती है
तुम्हारी आँखों में ख़ुशी है, आह्लाद है
और शब्दों में बच्चों-सी पवित्रता
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !अपने इर्द-गिर्द की चीज़ों
से अनजान
तुम यहाँ बैठी हो
नदी तुम्हारी स्मृतियों में ज़िन्दा हैअपनी सहेलियों के सँग
धीरे से घाघरा उठाकर
तुम नदी पार करती हो
अचानक बारिश गिरती है
लहरें चान्दी के नुपूर पहन नाचती हैंबारिश में भीगकर हर्षोन्माद में
हंसते हुए तुम
नदी तट पर पहुँचती होबारिश में भीगे आँवले के फूल
पगडण्डी पर तुम्हारा स्वागत करते हैं
तुम्हारे सामने
केवल बारिश है, पगडण्डी है
और फूलों से भरे खेत हैं !मेरी उपस्थिति को भूलते हुए
तुमने मृदुल आवाज़ में कहा —
बारिश कितनी ख़ूबसूरत है !फिर तुम्हें देखकर
मैंने उससे भी मृदुल आवाज़ में कहा —
तुम भी तो कितनी ख़ूबसूरत हो !