बिन मंजिल का मुसाफिर उसे दर ब_दर भटकना पड़ा
तपती सहराव में नंगे पांव चला ही चलना पड़ा
ता_उम्र उसने खुदा का शुक्र ही अदा किया उसने
मोहब्बत का मरीज__दुआ में मौत मांगा पड़ा
बिन मंजिल का मुसाफिर उसे दर ब_दर भटकना पड़ा
तपती सहराव में नंगे पांव चला ही चलना पड़ा
ता_उम्र उसने खुदा का शुक्र ही अदा किया उसने
मोहब्बत का मरीज__दुआ में मौत मांगा पड़ा
ishq na rehna chahida e adhoora
khaab dil de har ik tutt jande ne
waqt edaa da hunda e jide
karke rooha wale pyaara de v hath shutt jande ne
ਇਸ਼ਕ ਨਾ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਐ ਅਧੂਰਾ
ਖ਼ੁਆਬ ਦਿਲ ਦੇ ਹਰ ਇੱਕ ਟੁਟ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
ਵਕ਼ਤ ਇਦਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਐਂ ਜਿਦੇ
ਕਰਕੇ ਰੁਹਾ ਵਾਲੇ ਪਿਆਰਾਂ ਦੇ ਵੀ ਹਥ ਛੁਟ ਜਾਂਦੇ ਨੇ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ
बस आज़ की रात है
जी भरकर देख लो
यह आख़िरी मुलाक़ात है
जी भरकर देख लो
तुम्हारा शहर तो रास्ते में आ गया था
हमें तो किसी और मंज़िल की आस है
जी भरकर देख लो
अच्छा है तुमने हमारी कदर नहीं की
तुम वो जौहरी हो जिसे कौड़ियों की तलाश है
जी भरकर देख लो
मुझे कुछ भी कहना आसान था न
अब कुदरत की लाठी बेआवाज़ है
जी भरकर देख लो!!!