बिन मंजिल का मुसाफिर उसे दर ब_दर भटकना पड़ा
तपती सहराव में नंगे पांव चला ही चलना पड़ा
ता_उम्र उसने खुदा का शुक्र ही अदा किया उसने
मोहब्बत का मरीज__दुआ में मौत मांगा पड़ा
Enjoy Every Movement of life!
बिन मंजिल का मुसाफिर उसे दर ब_दर भटकना पड़ा
तपती सहराव में नंगे पांव चला ही चलना पड़ा
ता_उम्र उसने खुदा का शुक्र ही अदा किया उसने
मोहब्बत का मरीज__दुआ में मौत मांगा पड़ा

Viraan raawan te behan da mainu koi shaunk nai aa
bas dimaag ton jaada dil di man lainda haan
unjh gumiyaan soortaan labhan da koi shaunk nai aa
Mujhe bolna nhi aata
Usse sabr karna nhi aata
Mai kese kahu mujhe mohabbat hai usse
Us pagal shakhs ko meri akhon ko padha bhi nhi aata😑
मुझे बोलना नही आता
उसे सब्र करना नही आता
मैं कैसे कहूँ मुझे मोहोब्बत है उससे
उस पागल शख्स को मेरी आँखें पढ़ना भी नही आता😑