Kitho liyawa alfaz oh labb ke
Bayan kar sakan Jo mohobbat meri nu..!!
ਕਿੱਥੋਂ ਲਿਆਵਾਂ ਅਲਫਾਜ਼ ਉਹ ਲੱਭ ਕੇ
ਬਿਆਨ ਕਰ ਸਕਣ ਜੋ ਮੋਹੁੱਬਤ ਮੇਰੀ ਨੂੰ..!!
Kitho liyawa alfaz oh labb ke
Bayan kar sakan Jo mohobbat meri nu..!!
ਕਿੱਥੋਂ ਲਿਆਵਾਂ ਅਲਫਾਜ਼ ਉਹ ਲੱਭ ਕੇ
ਬਿਆਨ ਕਰ ਸਕਣ ਜੋ ਮੋਹੁੱਬਤ ਮੇਰੀ ਨੂੰ..!!
जब दिल में दबी उस चाहत को, उसकी यादों ने झिंझोड़ा है.. तब-तब मेरे आंसू बह निकले, जो दर्द हुआ क्या थोड़ा है..? जिस सख्स की खातिर घर - समाज, हर चीज को हमने छोड़ा है.. कैसे बताऊ ऐ दुनिया वालों, उसी सख्स ने दिल मेरा तोड़ा है.. मैं भूल उसे नहीं सकता अब, दिल बीच में बन गया रोड़ा है.. गुनेहगार तो मेरा ही दिल है, इसने ही उसे मुझसे जोड़ा है..
