इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है।❤️
Enjoy Every Movement of life!
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है।❤️
Husan-e-benajeer ke talabgaar hue baithe hain,
Unki ek jhalak ko bekrar hue baithe hain,
Unke nazuk hathon se sza pane ko,
Kitni sadiyon se gunahgaar hue baithe hain..
हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं,
उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं,
उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को,
कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं।