के कलियों सी मुस्कुराती हो
फूलो सा शर्माती हो
और पता नही क्यों तू मुझे इस तरह देखकर
इस तरह फिसल जाती हो
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के कलियों सी मुस्कुराती हो
फूलो सा शर्माती हो
और पता नही क्यों तू मुझे इस तरह देखकर
इस तरह फिसल जाती हो
Zindagi do shabadaan vich is tarah arajh hai
Adhi k karaz hai
Adhi k faraz hai
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੋ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਰਜ਼ ਹੈ:
ਅੱਧੀ ਕ ਕਰਜ਼ ਹੈ,
ਅੱਧੀ ਕ ਫਰਜ਼ ਹੈ..
Yu har subah chaai par…
Bulaya na karo….😋
Chai to hm fir bhi pi lenge….
Lat chai ki nhi..
Lat tumhari lag gyi to hum kya krenge….😇
यु हर सुबह चाय पर…
बुलाया ना करो….😋
चाय तो हम फिर भी पी लेंगे….
लत चाय की नही…
लत तुम्हारी लग गई तो हम क्या करेंगे….😇