“ख़ामोशी से भरे लब ज़रूर हैं,
दर्द भी ज़हन में ज़रूर है,
लेकिन मुस्कुराना फ़ितरत हैं||”❤️
“ख़ामोशी से भरे लब ज़रूर हैं,
दर्द भी ज़हन में ज़रूर है,
लेकिन मुस्कुराना फ़ितरत हैं||”❤️
Asi v karage tenu bhulan di koshish,
Tusi v ho sake ta sanu yaad na karna,
Asi ta hoe tuhadi khatir barbaad ,
Par hor kise nu inj barbaad na karna.
ज़िन्दगी सीधे साधे चलना ठीक नही
उबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है,
तैरते तैरते बाजू थक जाएंगे
एक पल के लिए नाव भी जरूरी है,
बदलाव भी जरूरी
ये घाव भी जरूरी है,
इतनी धूप अच्छी नेही
थोड़ी छांव भी जरूरी है..!
हद-ए-शहर से निकली तो,
गांव-गांव चली..
कुछ यादें मेरे संग,
पांव-पांव चली..!
सफर जो धूप का किया तो,
तजुर्बा हुआ..
वो ज़िन्दगी ही क्या जो,
छांव-छांव चली..!!