na ishq haar maanata,
aur na hee dil baat maanata,
kyon nahin tum hee maan jaate..
ना इश्क़ हार मानता,
और ना ही दिल बात मानता,
क्यों नहीं तुम ही मान जाते..
na ishq haar maanata,
aur na hee dil baat maanata,
kyon nahin tum hee maan jaate..
ना इश्क़ हार मानता,
और ना ही दिल बात मानता,
क्यों नहीं तुम ही मान जाते..
नफ़रत का भाव ज्यों ज्यों खोता चला गया, मैं रफ्ता रफ्ता आदमी होता चला गया। फिर हो गया प्यार की गंगा से तर बतर, गुजरा जिधर से सबको भिगोता चला गया। सोचा हमेशा मुझसे किसी का बुरा न हो, नेकी हुई तो दरिया में डुबोता चला गया। कटुता की सुई लेके खड़े थे जो मेरे मीत, सद्भावना के फूल पिरोता चला गया। जितना सुना था उतना जमाना बुरा नहीं, विश्वास अपने आप पर होता चला गया। अपने से ही बनती है बिगड़ती है ये दुनियां, मैं अपने मन के मैल को धोता चला गया। उपजाऊ दिल है बेहद मेरे शहर के लोग, हर दिल में बीज प्यार का बोता चला गया।...
ਕੀ ਜਿਉਣਾ ਹੁੰਦਾ ਯਾਰਾਂ ਵੇ
ਜਿੱਥੇ ਨਾਲ ਨੀ ਰੂਹ ਦਾ ਹਾਣੀ ਵੇ
ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਯਾਰਾਂ ਇੰਝ ਤੜਫਾ
ਜਿਵੇਂ ਤੜਫੇ ਮੱਛਲੀ ਬਿਨ ਪਾਣੀ ਵੇ
ਤੇਰੇ ਕਰਕੇ ਗੁਰਲਾਲ ਜਿਉਦਾ ਏ
ਨਹੀ ਤਾਂ ਖਤਮ ਪ੍ਰੀਤ ਕਹਾਣੀ ਵੇ