मनाता हूं तो मान जाती है, फितरत तो आज भी वैसी है..
जहां जाकर भी वो मुझे ना भूली, ना जाने वो दुनिया कैसी है..
ना कर सका अलग उसे खुदा भी मुझसे, मेरे प्यार की ताकत ऐसी है..
उसके बाद ना मिला मुझे कोई भी ऐसा, जिसे कह सकूँ के उसके जैसी है..
मनाता हूं तो मान जाती है, फितरत तो आज भी वैसी है..
जहां जाकर भी वो मुझे ना भूली, ना जाने वो दुनिया कैसी है..
ना कर सका अलग उसे खुदा भी मुझसे, मेरे प्यार की ताकत ऐसी है..
उसके बाद ना मिला मुझे कोई भी ऐसा, जिसे कह सकूँ के उसके जैसी है..
Kade shudaai bane tere gama ch
Kade ikalla beh muskawe..!!
Dil nu lagge marz pyar de
Dass kon samjhawe..!!
ਕਦੇ ਸ਼ੁਦਾਈ ਬਣੇ ਤੇਰੇ ਗ਼ਮਾਂ ‘ਚ
ਕਦੇ ਇਕੱਲਾ ਬਹਿ ਮੁਸਕਾਵੇ..!!
ਦਿਲ ਨੂੰ ਲੱਗੇ ਮਰਜ਼ ਪਿਆਰ ਦੇ
ਦੱਸ ਕੌਣ ਸਮਝਾਵੇ..!!
Ohdi muhobat da silsila v ajeeb c
aapna vi na banayea ohne
te kise gair da v nai haun dita
ਉਹਦੀ ਮੁਹੋਬਤ ਦਾ ਸਿਲਸਿਲਾ ਵੀ ਅਜ਼ੀਬ ਸੀ
ਆਪਣਾ ਵੀ ਨਾ ਬਣਾਇਆ ਉਹਨੇ
ਤੇ ਕਿਸੇ ਗੈਰ ਦਾ ਵੀ ਨੀ ਹੌਣ ਦਿੱਤਾ