मनाता हूं तो मान जाती है, फितरत तो आज भी वैसी है..
जहां जाकर भी वो मुझे ना भूली, ना जाने वो दुनिया कैसी है..
ना कर सका अलग उसे खुदा भी मुझसे, मेरे प्यार की ताकत ऐसी है..
उसके बाद ना मिला मुझे कोई भी ऐसा, जिसे कह सकूँ के उसके जैसी है..
मनाता हूं तो मान जाती है, फितरत तो आज भी वैसी है..
जहां जाकर भी वो मुझे ना भूली, ना जाने वो दुनिया कैसी है..
ना कर सका अलग उसे खुदा भी मुझसे, मेरे प्यार की ताकत ऐसी है..
उसके बाद ना मिला मुझे कोई भी ऐसा, जिसे कह सकूँ के उसके जैसी है..
जो लोग हमे पागल कहते थे
उनका कहना अब ठीक लगता हैं
तेरे इश्क में रहेगें ता उम्र अब
चाहे कितना भी अजीब लगता हैं
तेरे मर्जी हैं आ या नही
हम अब ऐसे ही जियेगे
हमे यही सलीका अब ठीक लगता हैं
Akele hain khush hain or akele rehna chahte hain
Kuch baate hain dil me jo hum bhi kisi se kehna chahte hain
Vo roz humare sapno me rehte hain mgar hum
Bhi Unke sapno me rehna chahte hain