Jithe vassdi ishq bahar howe..!!
Bhulle hon eh duniya de rang tamashe
Nass nass ch vasseya yaar howe..!!
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?
जदो दी फड़ी ओहने
मेरी कलाई
मै अपना आप
गवा आयी हाँ
टूट गयी मेरी
कंच दी वंग
पर मैं फेर
भी हथ छुड़ा
आयी हाँ
भज दी दी
मेरी खुल गई
पज़ेब
मै निशानी बाज
ओनु फड़ा
आयी हाँ
जालिम किता
जादू ऐसा
मैं दिल अपना
ओहदे ते लुटा
आयी हा
मैं इश्के दी पींग
चढ़ा आयी हां
मैं इश्के दी पींग
चढ़ा आयी हाँ..हर्ष✍️