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nazar lagaoge kya || Love 2 lines hindi shayari

kyoo baar baar taakte ho sheeshe ko,
nazar lagaoge kya meree iklautee muhabbat ko…

क्यू बार बार ताकते हो शीशे को,
नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को…

Title: nazar lagaoge kya || Love 2 lines hindi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Two line Hindi shayari collection || Hindi thoughts

ईर्ष्या एक मानसिक रोग, कोई भाव नहीं।
धुलाई इसकी इलाज, दवा कभी नहीं।

स्वाधीन अगर होना है तो हम दोनों एक साथ मिलकर होंगें।
अगर दोनों में से कोई एक बंदी रहे गया तो दूसरे भी झेलेंगे।

कोई किसी का गुलाम नहीं होता।
हम सब अपना मन का गुलाम हैं, दिल यही कहता। 

कौन कब किसका गुलाम था, यह नहीं है बड़ी बात।
हम अपना दुश्मनों को गुलाम नहीं, सिर्फ दोस्त बनायें, हमारी असली ताकत।

ज्यादा सोचो मत, जो होगा देखा जायेगा।
सामना करो वक्त पर, ज्यादा सोचोगे तो जीवन रोक जायेगा।

सही सोच कभी ज़िंदगी नहीं बनाती- सच यही।
सही काम और सही संस्कार जो बनाता हैं- खुद रहो सही।  

बाप दादा क्या काम किया हैं, वह कभी मत सोचो।
अपना मन पसंद काम पे शामिल हो और उन दोनों का मान बढ़ाओ।

पिता से बड़ी माता, पितृतंत्र से बड़ी मातृशक्ति।
ताकत से बड़ी ममता और प्रेम से बड़ी भक्ति।

अहंकार बेवकूफ का शस्र होता।
बेवकूफ असुर कुल का सदस्य होता।

एक बार अगर आप ने अहंकार दिखा दिए, आप का पतन निश्चित।
देव गण बुद्धिमान हैं- कुटिलता अच्छी सोच और अच्छे विचार को कभी न कर पाती प्रभावित। 

बाहर की दुनिया फर्जी है।
अपने आप को देखो आपके अंदर में।

दुनिया बहुत बुरी जगह है।
यहां दाहिना हाथ बायां हाथ से खेलता है।

जल्दबाजी में कुछ करो, टिकता नहीं।
सोच समझकर आगे बढ़ो, टिकोगे सही।

करते रहो, काम करते रहो, कुछ मांगो मत।
कामयाबी पकड़ेगी सामर्थ्य और पूछेगी योग्यता की बात।

खुद को पूछो, अपनी योग्यता के बारे में।
उसके बाद मांगो, गलती से कुछ मांगना जुर्म है- योग्यता अनादर का डिब्बा में।

हम महान बने सिर्फ माँ की वजह।
हम गुनहगार बने सिर्फ माँ की वजह।

Title: Two line Hindi shayari collection || Hindi thoughts


Zimevaariyaan ne aina jakad lya bachpan ton || Punjabi shayari on life

Zimevaariyaan ne aina jakad lya bachpan ton
k aapne vajood da ehsaas hi na reha
paalde rahe sdaa doojeyaa de supneyaa nu
ta hi apna koi supna khaas na reha

ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀਆਂ ਨੇ ਐਨਾ ਜਕੜ ਲਿਆ ਬਚਪਨ ਤੋਂ
ਕਿ ਆਪਣੇ ਵਜੂਦ ਦਾ ਅਹਿਸਾਸ ਹੀ ਨਾ ਰਿਹਾ।
ਪਾਲਦੇ ਰਹੇ ਸਦਾ ਦੂਜਿਆਂ ਦੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਨੂੰ,
ਤਾਂ ਹੀ ਆਪਣਾ ਕੋਈ ਸੁਪਨਾ ਖਾਸ ਨਾ ਰਿਹਾ।

Title: Zimevaariyaan ne aina jakad lya bachpan ton || Punjabi shayari on life