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O KADE NAI MILDE

Labhan te ohi milnge jo kho gaye hon oh kade nai milde  jo badal gaye hon

Labhan te ohi milnge
jo kho gaye hon
oh kade nai milde
jo badal gaye hon


Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Ishq hi rabb || sacha pyar shayari || punjabi status

sacha ishq || true love shayari ❤

Lok evein paye bolde ne ke ishq na kar
Es ch pai k ta dekh eh nsha hi alag e..!!
Ruhaniyat de raste te pahuncha ke hi dam lenda e
Lahu vang vehnda vich rag rag e..!!
Nacha v dewe te kakhan ch rula v dewe
Suneya lokan ne duniya de vich eh sab e..!!
Kehnde lod na othe kise nu chahun dhiyon di
Jithe Ishq hi jaat te ishq hi rabb e..!!

ਲੋਕ ਐਵੇਂ ਪਏ ਬੋਲਦੇ ਨੇ ਕੇ ਇਸ਼ਕ ਨਾ ਕਰ
ਇਸ ‘ਚ ਪੈ ਕੇ ਤਾਂ ਦੇਖ ਇਹ ਨਸ਼ਾ ਹੀ ਅਲੱਗ ਏ..!!
ਰੂਹਾਨੀਅਤ ਦੇ ਰਸਤੇ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਾ ਕੇ ਹੀ ਦਮ ਲੈਂਦਾ ਏ
ਲਹੂ ਵਾਂਗ ਵਹਿੰਦਾ ਵਿੱਚ ਰਗ ਰਗ ਏ..!!
ਨਚਾ ਵੀ ਦੇਵੇ ਤੇ ਕੱਖਾਂ ‘ਚ ਰੁਲਾ ਵੀ ਦੇਵੇ
ਸੁਣਿਆ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਦੁਨੀਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਇਹ ਸਭ ਏ..!!
ਕਹਿੰਦੇ ਲੋੜ ਨਾ ਓਥੇ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਚਾਹੁਣ ਤੇ ਧਿਓਨ ਦੀ
ਜਿੱਥੇ ਇਸ਼ਕ ਹੀ ਜਾਤ ਤੇ ਇਸ਼ਕ ਹੀ ਰੱਬ ਏ..!!

Title: Ishq hi rabb || sacha pyar shayari || punjabi status


अकबर-बीरबल और जादुई गधे || hindi story

एक समय की बात है, बादशाह अकबर ने अपने बेगम के जन्मदिन के लिए बहुत ही खूबसूरत और बेशकीमती हार बनवाया था। जब जन्मदिन आया, तो बादशाह अकबर ने वह हार अपनी बेगम को तोहफे में दे दिया, जो उनकी बेगम को बहुत पसंद आया। अगली रात बेगम साहिबा ने वह हार गले से उतारकर एक संदूक में रख दिया। जब इस बात को कई दिन गुजर गए, तो एक दिन बेगम साहिबा ने हार पहने के लिए संदूक खोला, लेकिन हार कहीं नहीं मिला। इससे वह बहुत उदास हो गईं और इस बारे में बादशाह अकबर को बताया। इस बारे में पता चलते ही बादशाह अकबर ने अपने सैनिकों को हार ढूंढने का आदेश दिया, लेकिन हार कहीं नहीं मिला। इससे अकबर को यकीन हो गया कि बेगम का हार चोरी हो गया है।

फिर अकबर ने बीरबल को महल में आने के लिए बुलावा भेजा। जब बीरबल आया, तो अकबर ने सारी बात बताई और हार को खोज निकालने की जिम्मेदारी उसे सौंप दी। बीरबल ने समय व्यर्थ किए बिना ही राजमहल में काम करने वाले सभी लोगों को दरबार में आने के लिए संदेश भिजवाया। थोड़े ही देर में दरबार लग गया। दरबार में अकबर और बेगम सहित सभी काम करने वाले हाजिर थे, लेकिन बीरबल दरबार में नहीं था। सभी बीरबल का इंतजार कर ही रहे थे कि तभी बीरबल एक गधा लेकर राज दरबार में पहुंच जाता है। देर से दरबार में आने के लिए बीरबल बादशाह अकबर से माफी मांगता है। सभी सोचने लगते हैं कि बीरबल गधे को लेकर राज दरबार में क्यों आया है। फिर बीरबल बताता है कि यह गधा उसका दोस्त है और उसके पास जादुई शक्ति है। यह शाही हार चुराने वाले का नाम बता सकता है।

इसके बाद बीरबल जादुई गधे को सबसे नजदीक वाले कमरे में ले जाकर बांध देता है और कहता है कि सभी एक-एक करके कमरे में जाएं और गधे की पूंछ पकड़कर चिल्लाए “जहांपनाह मैंने चोरी नहीं की है।” साथ ही बीरबल कहता है कि आप सभी की आवाज दरबार तक आनी चाहिए। सभी के पूंछ पकड़कर चिल्लाने के बाद आखिर में गधा बताएगा कि चोरी किसने की है।

इसके बाद सभी कमरे के बाहर एक लाइन में खड़े हो गए और एक-एक करके सभी ने कमरे में जाना शुरू कर दिया। जो भी कमरे के अंदर जाता, तो पूंछ पकड़ कर चिल्लाना शुरू कर देता “जहांपनाह मैंने चोरी नहीं की है।” जब सभी का नंबर आ जाता है, तो अंत में बीरबल कमरे में जाता है और कुछ देर बाद कमरे से बाहर आ जाता है।

फिर बीरबल सभी काम करने वालों के पास जाकर उन्हें दोनों हाथ सामने करने को बोलता है और एक-एक करके सभी के हाथ सूंघने लगता है। बीरबल की इस हरकत को देखकर सभी हैरान हो जाते हैं। ऐसे ही सूंघते-सूंघते एक काम करने वाले का हाथ पकड़कर बीरबल जोर से बोलता है, “जहांपनाह इसने चोरी की है।” ये सुनकर अकबर बीरबल से कहते हैं, “तुम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हो कि चोरी इस सेवक ने ही की है। क्या तुम्हें जादुई गधे ने इसका नाम बताया है।”

तब बीरबल बोलता है, “जहांपनाह यह गधा जादुई नहीं है। यह बाकी गधों की तरह साधारण ही है। बस मैंने इस गधे की पूंछ पर एक खास तरह का इत्र लगाया है। सभी सेवकों ने गधे की पूंछ को पकड़ा, बस इस चोर को छोड़कर। इसलिए, इसके हाथ से इत्र की खुशबू नहीं आ रही है।”

फिर चोर को पकड़ लिया गया और उससे चोरी के सभी सामान के साथ ही बेगम का हार भी बरामद कर लिया गया। बीरबल की इस अक्लमंदी की सभी ने सराहना की और बेगम ने खुश होकर बादशाह अकबर से उसे उपहार भी दिलवाया।

Title: अकबर-बीरबल और जादुई गधे || hindi story