
Oh soohe rang khaas warga..!!
Ohde khayalan di chashni ch dubbi haan
Oh gud di mithaas warga..!!

Ishq ne dil ko kya se kya banaya,
Hum chaha kar bhi apne dil ko samjha na paye!
Uske kale ghane julfo ko dekh hum ghayel ho gaye,
Ab toh hum reh Nehi payenge tumher bin,
Ao hum kho jaye sitaro ki dunia mein,
Aur wilin ho jaye apne pyaar ki mehfil mein ..
काश,जिंदगी सचमुच किताब होती
पढ़ सकता मैं कि आगे क्या होगा?
क्या पाऊँगा मैं और क्या दिल खोयेगा?
कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा?
काश जिदंगी सचमुच किताब होती,
फाड़ सकता मैं उन लम्हों को
जिन्होने मुझे रुलाया है..
जोड़ता कुछ पन्ने जिनकी यादों ने मुझे हँसाया है…
खोया और कितना पाया है?
हिसाब तो लगा पाता कितना
काश जिदंगी सचमुच किताब होती,
वक्त से आँखें चुराकर पीछे चला जाता..
टूटे सपनों को फिर से अरमानों से सजाता
कुछ पल के लिये मैं भी मुस्कुराता,
काश, जिदंगी सचमुच किताब होती।