
Zaroorat Meri oh menu din rain lagda..!!
Ohde Ishq CH nikhri Haan ohnu samjh hi na
Mein Khush haan te ohnu Ronda nain lagda..!!

आ भर लूं तुझे आंखों के प्यालों में,
कहीं और जाने दूं तो कैसे...
कोशिशें तो करता हूं हरपल,
आंखो में नमी आने दूं तो कैसे...
वो दौर भी इश्क़ का आकर
गुज़र गया इक लम्हा हो जैसे...
सिमट जाऊंगा सुलगती चंद लकड़ियों में
पर तेरे कानों तक ये बात जाने दूं तो कैसे...
Laakh samjhaeya usko ke duniyaa shak karti hai
magar uski aadat nahi gai muskura kar guzarne ki
लाख समझाया उसको कि दुनिया शक करती है
मगर उसकी आदत नहीं गई मुस्कुरा कर गुजरने की