
Zaroorat Meri oh menu din rain lagda..!!
Ohde Ishq CH nikhri Haan ohnu samjh hi na
Mein Khush haan te ohnu Ronda nain lagda..!!

गजल (बे बहर)
जाने क्या हो गया है कैसी इम्तिहान की घड़ी है,
एक आशिक पे ये कैसी सजा आन पड़ी है!
आस भी क्या लगाएं अबकी होली पे हम उनसे,
दुनिया की ये खोखली रस्में तलवार लिए खड़ी है!
मैंने देखें हैं गेसुओं के हंसते रुखसार पे लाली
मगर हमारे चेहरे पे फिर आंसुओं की लड़ी है!
दर्द है, हिज्र है,और धुंधली सी तस्वीर का साया भी
तुम महलों में रहते हो तुमको हमारी क्यों पड़ी है !!
कैसे मुकर जाऊं मैं खुद से किए वादों से अभी,
अब मेरे हाथों में ज़िम्मेदारियों की हथकड़ी है!
तुमको को प्यार है दौलत ए जहां से अच्छा है,
मगर इस जहान में मेरे लिए मां सबसे बड़ी है !!
zindagi vich kujh banna hai tan gulab banan
di koshish karo,
kyuki eh usde hathaan vich v khusboo chhadd
janda hai jo usnu masal ke sutt dinda hai
ਜਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਕੁਝ ਬਣਨਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗੁਲਾਬ ਬਣਨ
ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ,.
ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਉਸਦੇ ਹੱਥਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਖੁਸ਼ਬੂ ਛੱਡ
ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਇਸਨੂੰ ਮਸਲ ਕੇ ਸੁੱਟ ਦਿੰਦਾ ਹੈ