Likhna nai c aunda ohdi yaad likhaundi aa
jihnu sadha kyaal nahi oh chete aundi aa
ਲਿਖਣਾ ਨਹੀਂ ਸੀ ਆਉਂਦਾ ਉਹਦੀ ਯਾਦ ਲਿਖਾਉਂਦੀ ਆ
ਜਿਹਨੂੰ ਸਾਡਾ ਖਿਆਲ ਨਹੀ ਉਹ ਚੇਤੇ ਆਉਂਦੀ ਆ
Likhna nai c aunda ohdi yaad likhaundi aa
jihnu sadha kyaal nahi oh chete aundi aa
ਲਿਖਣਾ ਨਹੀਂ ਸੀ ਆਉਂਦਾ ਉਹਦੀ ਯਾਦ ਲਿਖਾਉਂਦੀ ਆ
ਜਿਹਨੂੰ ਸਾਡਾ ਖਿਆਲ ਨਹੀ ਉਹ ਚੇਤੇ ਆਉਂਦੀ ਆ
बंदिशों से अब कैसे खुदकी करूं हिफाज़त मैं,
सवेरे से है मोहब्बत पर, अंधेरों में रहने कि आदत है…
आफ़त है कि चिराग़ का इल्म कैसे होगा,
पता नहीं जब सवेरा होगा तो क्या होगा…
क्या होगा जो खुदसे कर लूं बगावत मै,
जीत लूं खुदको अगर हार जाऊं तो आफ़त है…
हारने का शोंक नहीं लड़ना अब रास नहीं आता,
सब कहते है मुझे तू हरकतों से बाज़ नहीं आता…
देखो, हरकतों में भी मेरी तहज़ीब और शराफत है,
जीत लेंगे दुनिया भी अगर रब की इजाज़त है… 🙃
Kyu hum firse tere pass aa rhe hain
Kya yaad wo lamhein khaas aa rhe h 🥀
Ye ishq jaag rha h mann mei
Ya sukoon bhare sans aa rhe h! 🤍