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Paaras te pyaar || Khari Gal || 2 lines ghaint status

paars te pyaar do ajehe ratan ne jo zindagi bna v sakde te tabah kar v sakde aa
bharosa tutteya taa pyaar gayeb je paaras hathon chhutt gya fir sab kujh raakh de brobar hauga

ਪਾਰਸ ਤੇ ਪਿਆਰ ਦੋ ਅਜਿਹੇ ਰਤਨ ਨੇ ਜੋ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬਣਾ ਵੀ ਸੱਕਦੇ ਤੇ ਤਬਾਹ ਕਰ ਵੀ ਸੱਕਦੇ ਆ,
ਭਰੋਸਾ ਟੁੱਟਿਆ ਤਾਂ ਪਿਆਰ ਗਾਇਬ ਜੇ ਪਾਰਸ ਹੱਥੋਂ ਛੁੱਟ ਗਿਆ ਫ਼ਿਰ ਸੱਭ ਕੁੱਝ ਰਾਖ਼ ਦੇ ਬਰੋਬਰ ਹੋਜੂਗਾ।

✍️ ਸੁਦੀਪ ਮਹਿਤਾ

Title: Paaras te pyaar || Khari Gal || 2 lines ghaint status

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Gurbani || waheguru thoughts

Gurbani quotes || gurbani || waheguru




Love poetry || Hindi Poems on mohobbat

देखा तो तुझे जब पहली बार मैंने,
अपनी आंखों पर न किया था एतबार मैंने,
क्या होता है कोई इतना भी खूबसूरत,
यही पूछा था खुदा से बार-बार मैंने।
तेरे नीले नीले नैनो ने किया था काला जादू मुझ पर,
यूं ही तो नहीं खो दिया था करार मैंने।

कायदा इश्क जब से पड़ा है,
इल्म बस इतना बचा है मुझ में,
फकत नाम तेरा मैं लिख लेता हूं, पढ़ लेता हूं।

आग बरसे चारों तरफ इस जमाने के लिए,
मेरी आंखों की नमी में हो पनाह किसी को छिपाने के लिए।
वो है खुदगर्ज बड़ी मैं जानता हूं,
लौट आएगी फिर से खुद को बचाने के लिए।

मिजाज हो गए तल्ख जब मतलब निकल गया,
ना हुई दुआ कबूल तो मजहब बदल गया।
वो जो कहते थे कि मेरी चाहत कि खुदा तुम हो,
कभी बदली उनकी चाहत कभी खुदा बदल गया।

चल मान लिया कोई तुझसे प्यारी नहीं होगी,
पर शर्त लगा लो तुम से भी वफादारी नहीं होगी।
तेरी बेवफाई ने मेरा इलाज कर दिया है,
पक्का अब हमें फिर से इश्क की बीमारी नहीं होगी।

प्यार जब भी हुआ तुमसे ही हुआ,
कोशिश बहुत की मैंने किसी और को चाहने की।
एक तो तेरा इश्क था ही और एक मैंने आ पकड़ा,
अब कोई कोशिश भी ना करना मुझ को बचाने की।

यह जो आज हम उजड़े उजड़े फिरते हैं,
हसरतें बहुत थी हमें भी दुनिया बसाने की।
मुझे आज भी तुमसे कोई गिला नहीं है,
दस्तूर ही कहां बचा है मोहब्बत निभाने का।

इस शहर में मुर्दों की तादाद बहुत है,
कौन कहता है कि ये आबाद बहुत है,
जुल्मों के खिलाफ यहां कोई नहीं बोलता,
बाद में करते सभी बात बहुत हैं।

मेरे छोटे से इस दिल में जज्बात बहुत हैं,
नींद नहीं है आंखों में ख्वाबों की बरसात बहुत है।
राह नहीं, मंजिल नहीं, पैर नहीं कुछ भी नहीं,
मुझे चलने के लिए तेरा साथ बहुत है।

दूर होकर भी तू मेरे पास बहुत है,
सगा तो नहीं मेरी पर तू खास बहुत है।
जिनकी टूट चुकी उनको छोड़ो बस,
हमें तो आज भी उनसे आस बहुत है।

Title: Love poetry || Hindi Poems on mohobbat