मयकदे में बैठ कर जाम इश्क़ के पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
मोहब्बत भी कि, वफा भी रास आई,
थामा जब हाथ उसका तो जैसे ज़िन्दगी पास आई…
बंद आंखों में एहसासों को जी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
इश्क़ दिल से किया कलम से दास्तां लिखा,
मै ज़मीन पर सही उसे आसमां लिखा,
कुछ बिखरे लम्हों को पलकों के धागों से सी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
नजदीकियों का डर है, थोड़ा गुमराह हूं,
ना जाने धड़कने क्यों तेज़ है, मै भी तो हमराह हूं,
लग रहा है मै भवरा बन फूलों से खुशबू पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
सुबह कुछ दस्तक दी शाम को वो लम्हें चल दिए,
वक्त की बंदिशें थी हम भी उनके पीछे चल दिए…
अगली सुबह के इंतज़ार में वक्त का दरिया पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों अब मै ख़्वाबों को जी रहा हूं…
Ohda nasha😇 ikk ohda hi suroor e🤗..!!
Khuda jeha😍 chehre te ohde noor e😘..!!
Mera maan❤️ meri shaan ☺️mera groor e🙌..!!
Mere layi mera rabb🙇♀️ mera hazoor e😍..!!
ਓਹਦਾ ਨਸ਼ਾ😇 ਇੱਕ ਓਹਦਾ ਹੀ ਸਰੂਰ ਏ🤗..!!
ਖੁਦਾ ਜਿਹਾ😍 ਚਿਹਰੇ ‘ਤੇ ਉਹਦੇ ਨੂਰ ਏ😘..!!
ਮੇਰਾ ਮਾਨ ❤️ਮੇਰੀ ਸ਼ਾਨ☺️ ਮੇਰਾ ਗਰੂਰ ਏ🙌..!!
ਮੇਰੇ ਲਈ ਮੇਰਾ ਰੱਬ🙇♀️ ਮੇਰਾ ਹਜ਼ੂਰ ਏ😍..!!