Main hi kamla c
pathar dilaan vichon labda c pyaar
jive koi labda hove patjhadan vich bahaar
Main hi kamla c
pathar dilaan vichon labda c pyaar
jive koi labda hove patjhadan vich bahaar
Main hi kamla c
pathar dilaan vichon labda c pyaar
jive koi labda hove patjhadan vich bahaar
Main hi kamla c
pathar dilaan vichon labda c pyaar
jive koi labda hove patjhadan vich bahaar
नफ़रत का भाव ज्यों ज्यों खोता चला गया, मैं रफ्ता रफ्ता आदमी होता चला गया। फिर हो गया प्यार की गंगा से तर बतर, गुजरा जिधर से सबको भिगोता चला गया। सोचा हमेशा मुझसे किसी का बुरा न हो, नेकी हुई तो दरिया में डुबोता चला गया। कटुता की सुई लेके खड़े थे जो मेरे मीत, सद्भावना के फूल पिरोता चला गया। जितना सुना था उतना जमाना बुरा नहीं, विश्वास अपने आप पर होता चला गया। अपने से ही बनती है बिगड़ती है ये दुनियां, मैं अपने मन के मैल को धोता चला गया। उपजाऊ दिल है बेहद मेरे शहर के लोग, हर दिल में बीज प्यार का बोता चला गया।...
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जादूगरनी…
वो लड़की जादूगरनी है।
कभी शोला, कभी शबनम जैसी,
कभी दूज, कभी पूनम जैसी,
कभी गुस्सा, कभी सरगम जैसी,
कभी चोंट, कभी मरहम जैसी,
कभी शीशम, कभी रेशम जैसी,
कभी गैर, कभी हम-दम जैसी,
कभी वो सम, कभी विषम जैसी,
रोज़ बदलते मौसम जैसी,
रंग-बिरंगी मौरनी है,
वो लड़की जादूगरनी है।
कभी वो मक्खन, कभी मलाई,
कभी वो मिर्ची, कभी मिठाई,
कभी नगाड़ा, कभी शहनाई,
कभी अलसाई, कभी अँगडाई,
कभी वो झूठी, कभी सच्चाई,
कभी बुराई, कभी भलाई,
कभी कहानी, कभी कविताई,
उसने मेरी नींद चुराई,
इस दिल की एक चोरनी है,
वो लड़की जादूगरनी है।
चंचल चितवन मादक नूरी,
खिली-खिली सी वो पांखुरी,
नख से शिख तक लगे अँगुरी,
नैन मिलें तो चल गई छुरी,
वो मेरे जीवन की धुरी,
धड़कन उसके बिना अधूरी,
सही न जाएं उससे दूरी,
जिसकी नाभि में कस्तुरी,
प्रेम वन की एक हिरनी है,
वो लड़की जादूगरनी है।
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