
Bas talab eh ke nazran de sahwein rahe tu..!!

हर जंग ज़िंदगी की हमने खुद को मिटाकर लड़ी है,
हर बार हार को हँस कर गले लगाया है,
कभी परायों ने ज़ख़्म दिए, कभी अपनों ने रुलाया है,
क्या बताएँ आपको — हमने इस सफर में खुद को कितना खोया है।
हर बार हार को हँस कर गले लगाया है,
कभी परायों ने ज़ख़्म दिए, कभी अपनों ने रुलाया है,
क्या बताएँ आपको — हमने इस सफर में खुद को कितना खोया है।” target=”_blank” rel=”noopener noreferrer nofolllow external”>Translate Facebook Whatsapp
मंजिल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी ज़िन्दगी और फिक्र बहुत है,
मार डालता ये जहान कब का हमें,
पर मेरी माँ की दुआओं में असर बहुत है…
किस्मतों से मिलती है माँ की ममता,
उस ममता में प्यार कभी नही थमता,
खुश-किस्मत हु मैं जो माँ का प्यार मिला,
ज़िन्दगी से मुझे नही है कोई गिला…