PIYAR KE LIYE CHORA DOSTI,
DIMAG ME DIYA JOR KAM OR
DIL KE SATH KYA JABARDASTI,
AJ WO KAHA OR ME KAHA….
AJ NA RAHA PIYAR OR NA RAHI DOSTI..
@ROBZWAY
PIYAR KE LIYE CHORA DOSTI,
DIMAG ME DIYA JOR KAM OR
DIL KE SATH KYA JABARDASTI,
AJ WO KAHA OR ME KAHA….
AJ NA RAHA PIYAR OR NA RAHI DOSTI..
@ROBZWAY
अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-
“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”
सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,
“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”
सेठों के मुखिया ने कहा-
“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”
बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।
“i’m strong but it hurts when i make someone my first priority and they treat me like their first option”
“Sometime silence is much better than talking, atleast it don’t hurt”
“Our sweetest songs are those that tell of saddest thoughts”