है कोई हकीकत या कोई हसरत है
आखिर किसके खातिर रातों की ये इबादत है
हकीम की हैरानगी पर लोग दुआ क्यू करने लगे
पीर कहते है ये आसार ऐ मोहब्बत है
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है कोई हकीकत या कोई हसरत है
आखिर किसके खातिर रातों की ये इबादत है
हकीम की हैरानगी पर लोग दुआ क्यू करने लगे
पीर कहते है ये आसार ऐ मोहब्बत है
Andhera mit ta nhi mitana padta hai
Bujhe chirag ko fir se jalana padhta hai
Andhera mitane ke liye nazriya badalna padega
Bas nazriya badal do bujha chirag fir se jal jayega..
अंधेरा मिटता नहीं! मिटाना पडता है!
बुझे चिराग को फिर से जलाना पड़ता है।
अंधेरा मिटाना के लिए नज़रिया बदलना पड़ेगा।
बस नज़रिया बदल दो बुझा चिराग फिर से जल जाएगा