
Mere chehre te gaur tu vi kar leya kar..!!
Mein akhan nam kar lawa tenu dekh ke
Kde tu vi menu dekh akh bhar leya kar..!!
मैं ये सोचता हूं मेरा हाल क्या होगा
जब मेरी मां का इंतकाल होगा
अभी तक मैने कोई फर्ज पूरा नहीं किया
अभी तक कोई उसका कोई कर्ज पूरा नहीं किया
मेरे पास अभी वक्त ही नही है
पर वो मुझसे सख्त भी नही है
वो मंजर कैसे देखूंगा
वो बदनसीबी का साल होगा
मेरी मां का जब इंतकाल होगा
ऐ खुदा बस इतनी सी दुआ है मेरी
खुश रहे जब तक मां है मेरी
मैं उस जन्नत में खो जाना चाहता हूं
अपनी मां के आंचल में सो जाना चाहता हूं
ये दौलत नही मैं प्यार लेना चाहता हूं
उससे आशीष को उधार लेना चाहता हूं
मैं पैसे का क्या करूंगा ये माल क्या होगा
जब मेरी मां का इंतकाल होगा
ऐसे खामोश रहूंगा तो वक्त बीत जायेगा
वो बूढ़ी हो जायेगी बुढ़ापा जीत जायेगा
जब तक जिंदा है पूजा करना चाहता हूं
और कोई ना दूजा करना चाहता हूं
अभी भी वक्त है ले लो आशीष को
वरना जीवन भर तुमको मलाल होगा
मैं ये सोचता हूं मेरा हाल क्या होगा
मेरी मां का जब इंतकाल होगा
Kalam chalti hai to dil ki awaz likhta hu
Gam aur judaai ke andaz-e-byan likhta hu
Rukte nhi hai meri aankhon mein aansu
Mein jab bhi uski yaad mein alfaaz likhta hu 💔
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आँसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।💔