Oh milna v ki milna jithe jubani vartalaap Howe
Milna oh mukammal e jithe do roohan da milap howe..!!
ਉਹ ਮਿਲਣਾ ਵੀ ਕੀ ਮਿਲਣਾ ਜਿੱਥੇ ਜ਼ੁਬਾਨੀ ਵਾਰਤਾਲਾਪ ਹੋਵੇ
ਮਿਲਣਾ ਉਹ ਮੁਕੱਮਲ ਏ ਜਿੱਥੇ ਦੋ ਰੂਹਾਂ ਦਾ ਮਿਲਾਪ ਹੋਵੇ..!!
Oh milna v ki milna jithe jubani vartalaap Howe
Milna oh mukammal e jithe do roohan da milap howe..!!
ਉਹ ਮਿਲਣਾ ਵੀ ਕੀ ਮਿਲਣਾ ਜਿੱਥੇ ਜ਼ੁਬਾਨੀ ਵਾਰਤਾਲਾਪ ਹੋਵੇ
ਮਿਲਣਾ ਉਹ ਮੁਕੱਮਲ ਏ ਜਿੱਥੇ ਦੋ ਰੂਹਾਂ ਦਾ ਮਿਲਾਪ ਹੋਵੇ..!!
Maut nu khushi se gale laga lenge aye raba,
bas do char saans di aur mohallat de de,
wo beshak kare nafrat kuchh lamho de waste,
mohabbat da ehsaas rahe bas inni mohabbat de de
अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-
“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”
सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,
“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”
सेठों के मुखिया ने कहा-
“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”
बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।