
or sab karzo se bura mohobat ka karz hota hai
arey tu de le jitne zakhm dene hai mere dil ko
akhil pathro ko kha dard hota hai

चाल अभी धीमी है,
पर कदम जाएंगे मंजिल तक जरूर।
हालात अभी उलझे हैं,
पर बदलेंगे मौसम,बिखरेगा हरसू नूर।
हौसलों की कमी नहीं,
क़्त भले ना हो ज्यादा।
शह मात की खेल है जिंदगी,
मंजिल को पाने की, हम रखते हैं माआदा।
पलकें मूंद जाती हैं झंझावतों से,
रास्ते छुप जाते हैं काले बदली की छाँव में।
गुजरना ही होगा अंधियारे सूने गलियारों से,
आशियाना हो चाहे गांव या शहर में।
लक्ष्य जो बुन लिया है विश्वास के तागों से,
अब रुकना नहीं, न झुकना कहीं तुम सफर में ।
डगर ने चुन लिया है तुम्हें साहस के पदचिन्हों से,
धैर्य,सहनशीलता और जीत, होंगे सहचर तुम्हारे सहर में।।
तरुण चौधरी
ਮੁਸਕੁਰਾਨੇ😊 ਕੀ ਵਜਾਹ ਮਤ ਪੁਛੋ ਜਨਾਬ ਬਤਾਨੇ ਲਗਾ ਤੋ ਤੁਮ ਭੀ ਰੋਨੇ ਲਗੋਗੇ🥹
Muskurane 😊ke wjha mat pucho jnab btan lga te tusi ve ronn lgoge🥺