टूटे हुए काँच की तरह
चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये
इसलिए सबसे दूर हो गए🥺।।
Enjoy Every Movement of life!
टूटे हुए काँच की तरह
चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये
इसलिए सबसे दूर हो गए🥺।।
उसने छोड़ा और यूं छोड़ा अब मिलते नही है हम
तेरे बाद तेरे बारे में लिखते नही है हम
महफिलों में बैठ कर राज खोले होगे हमने
पर आज कल किसी दूसरे को दिखते नही है हम
सफर वही तक जहाँ तक तुम हो,
नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो,
वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर,
खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।