
Sajjna de didar di saza e ehna akhiya nu..!!

अपना हाल–ऐ–दिल बयां करने निकला तो,
वे कहने लगे एक–तरफा इश्क़ कुछ नहीं होता।
रुस्वाही समझकर,निराश भटकने लगे।।
जनाब को कोई समझाओ….
एक–तरफा इश्क़ में रोज़ दिल टूटते हैं,
आस रहती है, कभी मुड़कर हम्पें नजर पड़े उनकी,
हर रोज़ एक नई कहानी बनती है उनके साथ,
बस ख्यालों में जीते हैं……….
हमारी दास्तां….
बस ये कोरे पन्ने सुनते हैं,
डर है कि किसी रोज़ ये जलकर काले न हो जाएं।।।
Mein taan jaan deya tetho vaar
Silsila ajab bneya..!!
Menu khud de tu lekhe la lai yaar
Tu hi sada sab baneya..!!
ਮੈਂ ਤਾਂ ਜਾਨ ਦਿਆਂ ਤੈਥੋਂ ਵਾਰ
ਸਿਲਸਿਲਾ ਅਜਬ ਬਣਿਆ..!!
ਮੈਨੂੰ ਖੁਦ ਦੇ ਤੂੰ ਲੇਖੇ ਲਾ ਲੈ ਯਾਰ
ਤੂੰ ਹੀ ਸਾਡਾ ਸਭ ਬਣਿਆ..!!