
tujhe har pal yaad karna
meri bekhyali hi to hai
tha jhaa kehna whaa keh na paya
umar bhar kagjo par yun
shayari likhna #arsh ki bejhubani
hi to hai
अकेले चले जाते हो
बताते भी नहीं हो
बातें दिल में रखते हो
सुनाते भी नहीं हो
अपने राज छुपाए रखते हो
हमारे जान लेते हो
भीड़ में होकर भी
लापता से रहते हो
जो सवाल पूछो तो
नजरे चुराते हो
स्टेटस भी देखते हो
और देखकार मुस्कुरा भी देते
जाने किस रोज को रुके हो
फोन लगाते भी नहीं हो
हमारा दर्द भी समझते हो
फिर भी नसमझ सा बनते हो
कभी बहुत अपनापन जताते हो
और कभी पराए हो जाते हो
बाला की ख़ूबसूरत हो
पर इतराते नहीं हो
वैसे तो हर लिबास में हसीन हो
पर पीली कुर्ती में बिजलियाँ गिराते हो
मशहूर होकर भी गुमनाम सा रहते हो
ताजगी सुबह की हैं पर मस्तानी शाम सा रहते हो
बांधते हो और फिर खोल देते हो
इन जुल्फों से बड़ा खेलते हो
चेहरे की किताब के अक्षरों में उलझाते हो
अब बोल भी दो दिल की बात क्यों हमारे जख्मों को सहलाते हो
मैं तो सामने से नहीं बोल पाऊंगा
डरता हूं तुम्हारी ना हुई तो नहीं झेल पाऊंगा
अब तुम भी तो कभी कुछ इशारों को समझो
किसी चंचल नांव की तरह लहरें से उलझो
अब जब कभी तुमसे अगली मुलाकात हो
इधर-उधर की नहीं सीधे मुद्दे की बात हो
फिर जो भी फैसला आए हमें मंजुर हो
इकरार हो या ना हो पर अब इजहार तो जरूर हो।
इजहार तो जरूर हो।
इजहार तो जरूर हो।
Oh chhad chaleyaa
raawa manzil pasand nu aapni badal chaleyaa
asi kade ohde lai dil ton khaas si
te oh aj khaas nu shadd kise hor nu khaas banaun chaleyaa
ਉਹ ਛੱਡ ਚਲਿਆਂ
ਰਾਵਾਂ ਮੰਜ਼ਿਲ ਪਸੰਦ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਬਦਲ ਚਲਿਆਂ
ਅਸੀਂ ਕਦੇ ਓਹਦੇ ਲਈ ਦਿਲ ਤੋਂ ਖਾਸ ਸੀ
ਤੇ ਉਹ ਅਜ ਖ਼ਾਸ ਨੂੰ ਸ਼ਡ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਨੂੰ ਖ਼ਾਸ ਬਣਾਉਂਣ ਚਲਿਆਂ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷